
तकनीकी
विकास
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन,अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक हब-स्पोक-स्पाइक मॉडल का प्रयोग करता है। यह नवोन्मेषी ढांचा चार थीमैटिक हब (टी-हब्स) द्वारा संचालित होता है जिसमें यह एक केन्द्रीय नोड्स की तरह कार्य कर क्लस्टर-आधारित परियोजनाओं (स्पोक्स) और व्यक्तिगत परियोजनाओं (स्पाइक्स) को सहयोग और समन्वय देता है। क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र में बिना बाधा के सहयोग और अत्याधुनिक प्रगति को बढ़ावा देता है।
एक मजबूत शासन संरचना प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करती है।
मिशन को एक मिशन गर्वनिंग बोर्ड (एमजीबी) और मिशन तकनीकी अनुसंधान काउंसिल (एमटीआरसी) द्वारा निर्देशित किया जाता है।
प्रौद्योगिकी विकास
टी-हब के मूल में है जो क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग एवं क्वांटम सामग्रियों के आधारभूत और अनुप्रयुक्त अनुसंधान दोनों पर ध्यान केन्द्रित करता है। हब का लक्ष्य है अनुवादात्मक (ट्रांसलेशनल)अनुसंधान को गति देना और यह सुनिश्चित करना कि वैज्ञानिक प्रगति वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में सहज रूप से परिवर्तित हो सकें।
निर्देशित अनुसंधान पहल राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित होगी और जो सुरक्षित संचार और उच्च परिशुद्धता सेंसिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करेंगी। इन प्रयासों का साथ देने के लिए विश्व स्तरीय अनुसंधान और विकास कीअवसंरचना को स्थापित किया जाएगा जोकि शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्टअप और उद्योग जगत के गुरूओं के बीच सहयोग संभव कर सकेगा।
वित्तपोषण के अवसर और रणनीतिक संरक्षण/सलाह प्रदान कर क्वांटम स्टार्टअप को पोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। क्वांटम नवाचारों के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए उद्योग हितधारकों के साथ मजबूत सहयोग को सहज बनाया जाएगा।
मिशन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और बौद्धिक संपदा (आईपी) सृजन को बढ़ावा देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि अनुसंधान के परिणाम बाजार के लिए तैयार समाधानों में परिवर्तित हो जाएं। इसके अलावा, भारत में एक टिकाऊ और संपन्न क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए निजी क्षेत्र और उद्यम पूंजीपतियों के साथ जुड़ाव को प्रोत्साहित किया जाएगा।
मानव संसाधन विकास
क्वांटम प्रौद्योगिकी में भारत के नेतृत्व के लिए मजबूत प्रतिभाशाली निकाय का निर्माण करना आवश्यक है। थीमैटिक हब (टी-हब) क्वांटम कंप्यूटिंग, क्रिप्टोग्राफी और सेंसिंग में विशेष शैक्षणिक कार्यक्रम, प्रशिक्षण पहल और प्रमाणन पाठ्यक्रम प्रदान करके एक कुशल कार्यबल के विकास पर ध्यान केन्द्रित करेंगे।
शोध पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए फैलोशिप, संकाय विकास कार्यक्रम और अंतःविषय अनुसंधान अवसरों का समर्थन किया जाएगा। क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आजीविका के अवसरों का पता लगाने के लिए युवा प्रतिभाओं को जागरूक करने और प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रव्यापी पहुंच की पहल भी आयोजित की जाएगी।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) क्वांटम प्रगति को गति देने के लिए वैश्विक भागीदारी को सक्रिय रूप से बढ़ावा देता है। थीमैटिक हब (टी-हब) संयुक्त परियोजनाओं, ज्ञान विनिमय और शोधकर्ता विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों और उद्योगों के साथ सहयोग करेंगे। भारत अत्याधुनिक विकास का लाभ उठाने के लिए वैश्विक क्वांटम सहायता संघ, उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान सहयोग और रणनीतिक गठबंधनों में शामिल होगा।
द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौते सहयोग को और बढ़ाएंगे, जिससे वैश्विक विशेषज्ञता और बुनियादी ढांचे तक पहुंच सुनिश्चित होगी। इन प्रयासों के माध्यम से NQM का लक्ष्य भारत को वैश्विक क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना है, जो नवाचार और तकनीकी नेतृत्व को आगे बढ़ाएगा।