Quantum Future

राष्‍ट्रीय क्‍वांटम मिशन का शुभारंभ

07-03-2025

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National Quantum Mission

19 अप्रैल 2023 को राष्‍ट्रीय क्‍वांटम मिशन (एनक्‍यूएम) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2023-24 से लेकर 2030-31 तक 6003.65 करोड़ रूपये के कुल लागत की मंजूरी दे दी। मिशन का उद्देश्‍य क्‍वांटम प्रौद्योगिकी (क्‍यूटी) में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना, उसे पोषित करना और आगे बढ़ाकर एक जीवंत व नवप्रर्वतनशील पारिस्थि‍तिकी तंत्र का निर्माण करना है। इससे क्‍वांटम प्रौद्योगिकी आधारित आर्थिक विकास में तेजी आएगी, देश का पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण होगा और भारत क्‍वांटम प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों (क्‍यूटीए) के विकास में अग्रणी देशों में से एक बन जाएगा। 

मिशन के उद्देश्यों में सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर 8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट के साथ मध्यवर्ती स्तर के क्‍वांटम कंप्यूटर विकसित करना शामिल है। भारत के भीतर 2000 किलोमीटर की दूरी तक ग्राउंड स्‍टेशनों के बीच  सैटेलाइट-आधारित सुरक्षित क्‍वांटम संचार, दूसरे देशों के साथ लंबी-दूरी के सुरक्षित क्‍वांटम संचार, 2000 किमी से अधिक अंतर शहर क्‍वांटम कुंजी वितरण और क्‍वांटम मैमोरी के साथ मल्‍टी-नोड क्‍वांटम नेटवर्क इस मिशन की कुछ उपलब्धियां है।

राष्ट्रीय क्‍वांटम मिशन, परमाणु प्रणालियों में उच्च संवेदनशीलता वाले मैग्नेटोमीटर और सटीक समय, संचार और नेविगेशन के लिए परमाणु घड़ियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह क्‍वांटम उपकरणों के निर्माण के लिए सुपरकंडक्टर, नवीन सेमीकंडक्‍टर संरचनाओं और टोपोलॉजिकल सामग्रियों जैसे क्‍वांटम सामग्रियों के डिजाइन और संश्लेषण का भी समर्थन करेगा। क्‍वांटम संचार, संवेदन और मेट्रोलॉजिकल अनुप्रयोगों के लिए एकल फोटॉन स्रोत/डिटेक्टर और उलझे हुए फोटॉन स्रोत भी विकसित किए जाएंगे। 

मिशन कार्यान्वयन में निम्नलिखित क्षेत्रों में शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में चार थीमैटिक हब (टी-हब) स्थापित करना शामिल है:

  1. क्‍वांटम कंप्‍यूटिंग
  2. क्‍वांटम संचार
  3. क्‍वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी 
  4. क्‍वांटम सामग्री एवं उपकरण  

ये हब मूलभूत और अनुप्रयुक्‍त अनुसंधान के माध्‍यम से नए ज्ञान के निर्माण पर ध्‍यान केंद्रित करेंगे। साथ ही जो क्षेत्र उनके लिए आज्ञापित है उनमें अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देंगे। 

एनक्‍यूएम में वैश्विक प्रतिस्‍पर्धा के स्‍तर तक देश के प्रौद्योगिकी विकास पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने की क्षमता है। इस मिशन से संचार, स्‍वास्‍थ्‍य, वित्‍तीय, ऊर्जा सहित विभिन्‍न क्षेत्रों को लाभ होगा, साथ ही दवाइयों के डिजाइन, अंतरिक्ष, बैंकिंग, सुरक्षा आदि में भी इसका उपयोग किया जाएगा। यह मिशन डिजिटल भारत, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्‍टैंड-अप इंडिया, स्‍टार्ट-अप इंडिया, आत्‍मनिर्भर भारत और सतत विकास लक्ष्‍यों (एसडीजी) जैसी राष्‍ट्रीय प्राथमिकताओं को भी अत्‍यधिक बढ़ावा देगा।

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