राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) की प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर तब प्राप्त हुआ जब विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने 20 जनवरी, 2024 को भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के 9वें संस्करण के दौरान थीमैटिक हब्स (T-Hubs) की स्थापना के लिए पूर्व-प्रस्ताव (Pre-Proposals) की घोषणा की।
इस पूर्व-प्रस्ताव में अकादमिक संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास (R&D) प्रयोगशालाओं को आमंत्रित किया गया है कि वे सहभागी समूह (Consortia Mode) में नवाचारी पूर्व-प्रस्ताव प्रस्तुत करें, जो NQM के उद्देश्यों के अनुरूप हों। ये T-Hubs निम्नलिखित क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे:
- क्वांटम कंप्यूटिंग
- क्वांटम संचार
- क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी
- क्वांटम सामग्री और उपकरण

पूर्व-प्रस्ताव का यह शुभारंभ, पिछले वर्ष मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जल्द ही शोधकर्ताओं के साथ विशेषज्ञता, क्षमताओं और अवसरों की पहचान के लिए एक विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया जाएगा। अगले कुछ महीनों में इस मिशन में महत्वपूर्ण प्रगति की आशा है।
NQM का उद्देश्य उद्योग और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर अनुसंधान को व्यावहारिक तकनीकों में बदलना है। DST मिशन की सफलता के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगा और शोधकर्ताओं को सहयोग देगा, ताकि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी स्थिति प्राप्त कर सके। यह बात प्रो. करंदीकर ने पूर्व-प्रस्ताव की घोषणा करते हुए कही।
उन्होंने यह भी बताया कि मिशन में सहयोग की भावना से राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सार्थक प्रभाव उत्पन्न किया जा सकता है।
पूर्व-प्रस्तावों में यह दर्शाना होगा कि वे क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग को आगे बढ़ाने के लिए क्वांटम तकनीकों को किस प्रकार प्रदर्शित करेंगे। इस कॉल की प्रमुख बातों और अन्य विवरणों को DST के वरिष्ठ सलाहकार और SERB के सचिव डॉ. अखिलेश गुप्ता ने विस्तार से समझाया।
हाल ही में, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की मिशन गवर्निंग बोर्ड (MGB) की पहली बैठक में चार तकनीकी हब्स की स्थापना हेतु पूर्व-प्रस्ताव आमंत्रित करने के निर्णय को मंज़ूरी दी गई थी। उसी के अनुसरण में इस कॉल की शुरुआत की गई है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) को केंद्र सरकार ने 19 अप्रैल 2023 को स्वीकृति दी थी। इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा ₹6003.65 करोड़ की कुल लागत से आठ वर्षों के लिए लागू किया जा रहा है। इस मिशन का उद्देश्य क्वांटम प्रौद्योगिकी (QT) में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान को प्रारंभ करना, पोषित करना और उसे बढ़ावा देना है। यह भारत में नवाचारपूर्ण और जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा तथा क्वांटम तकनीकों और अनुप्रयोगों (QTA) के विकास में भारत को अग्रणी राष्ट्रों की श्रेणी में लाएगा।