भारत मंडपम में आयोजित #IndiaMobileCongress2024 के एक भाग के रूप में भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा आयोजित क्वांटम एडवांटेज समिट का आयोजन किया गया, जिसके उद्घाटन सत्र में आज मैंने अपना संबोधन दिया, जिसमें उद्योग जगत की गुरू, शिक्षाविदों, स्टार्टअप और सरकारी प्रतिनिधियों सहित प्रमुख हितधारकों को क्वांटम प्रौद्योगिकी के अभिसरण की खोज करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए एक साथ लाया गया।
समिट में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार और क्वांटम-सुरक्षित क्रिप्टोग्राफी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए वैश्विक क्वांटम परिदृश्य में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला गया और इस पर चर्चा की गई कि कैसे भारत का राष्ट्रीय क्वांटम मिशन #NQM और इसके थीमैटिक हब (टी-हब) इन डोमनों में नवाचार व सहयोग को बढ़ावा दें रहे हैं।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो.ऐ.के. सूद, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के मिशन गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. अजय चौधरी और यूटिलिटी ऐरा में आईबीएम-क्वांटक कंप्यूटिंग के उपाध्यक्ष डॉ. जय गैम्बेटा ने भी इस सत्र में भाग लिया। आईआईएसईआर पुणे के माध्यम से हमारा क्वांटम प्रौद्योगिकी को समर्पित स्टार्टअप के एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का सक्रिय दृष्टिकोण है तथा यह इस पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा देगा।
सहयोग एवं नवाचार को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना कि हमारें शोधकर्ताओं, तकनीकी डेवलपर व स्टार्टअप को वह सहयोग मिल सकें जो उन्हें सफल बनने के लिए चाहिए। इससे न केवल क्वांटम अनुसंधान में भारत की स्थिति मजबूत होगी बल्कि वैश्विक तकनीकी परिदृश्य में भी इससे महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।