भविष्य की गणना का निर्माण क्वांटम कंप्यूटिंग थीमैटिक हब क्वांटम कंप्यूटिंग के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह हब सहयोग को बढ़ावा देता है| नवाचार को प्रोत्साहित करता है| कुशल मानव संसाधन तैयार करता है| क्वांटम तकनीकों के नैतिक विकास को समर्थन प्रदान करता है।

विषयगत हब
भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु

परियोजना निदेशक
उद्देश्य
इस क्षेत्र का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्यूबिट तकनीकों और गणनात्मक मॉडलों का लाभ उठाकर स्केलेबल (विस्तारित करने योग्य) और दक्ष क्वांटम कंप्यूटिंग प्रणालियाँ विकसित करना है। इसके विशिष्ट उद्देश्यों में शामिल हैं:
क्वांटम हार्डवेयर का विकास करना
सुपरकंडक्टिंग, फोटॉनिक, ट्रैप्ड आयन तथा अन्य प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते हुए मध्य-स्तरीय स्केल के क्यूबिट्स वाले क्वांटम कंप्यूटर विकसित करना है (जैसे कि 3 वर्षों में 20–50 क्यूबिट्स, 5 वर्षों में 50–100 क्यूबिट्स, और 8 वर्षों में 50–1000 क्यूबिट्स)|
क्यूबिट तकनीकों को उन्नत बनाना
सुपरकंडक्टिंग, ट्रैप्ड आयन, फोटोनिक, न्यूट्रल एटम, सेमीकंडक्टर स्पिन, टोपोलॉजिकल और नाइट्रोजन वैकेंसी (एनवी) केंद्रों सहित विभिन्न क्यूबिट प्लेटफार्मों पर अनुसंधान और और उन्हें बेहतर बनाना|
हाइब्रिड क्वांटम कंप्यूटिंग
गणनात्मक क्षमताओं को बढ़ाने और पारंपरिक व क्वांटम कंप्यूटिंग के बीच की खाई को पाटने के लिए क्वांटम-क्लासिकल हाइब्रिड दृष्टिकोणों का विकास करना।
क्वांटम एल्गोरिदम और अनुप्रयोग
अनुकूलन, मशीन लर्निंग, क्रिप्टोग्राफी और सामग्री सिमुलेशन जैसे व्यावहारिक अनुप्रयोगों के लिए क्वांटम एल्गोरिदम का डिज़ाइन करना और उनका अनुकूलन करना।
पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफ़ी
भविष्य के संचार नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए क्वांटम हमलों के प्रति प्रतिरोधी क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकॉल की जांच करना।
क्वांटम एनीलिंग
संयोजनात्मक और अनुकूलन समस्याओं को हल करने के लिए क्वांटम एनीलिंग तकनीकों का अन्वेषण और विकास करना।