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राष्‍ट्रीय क्वांटम मिशन के बारे में

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) भारत की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य क्वांटम प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनीय संभावनाओं का उपयोग करके प्रमुख क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देना है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा संचालित यह मिशन भारत को क्वांटम विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखता है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 अप्रैल, 2023 को राष्‍ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) को मंजूरी दी, जिसकी कुल लागत ₹6003.65 करोड़ है, जो वर्ष 2023-24 से 2030-31 तक के लिए निर्धारित है। इस मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास (R&D) को प्रोत्साहित करना, उसका विस्तार करना और क्वांटम प्रौद्योगिकी (QT) में एक जीवंत एवं नवाचारी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। स्थायी क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने पर बल देते हुए, यह मिशन चार मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है: क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी और क्वांटम सामग्री एवं उपकरण।

Quantum Computer
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objective

मिशन के उद्देश्य

20-50 भौतिक क्यूबिट (3 वर्ष), 50-100 भौतिक क्यूबिट (5 वर्ष) और 50-1000 भौतिक क्यूबिट (8 वर्ष) के साथ मध्यम-स्तरीय क्वांटम कंप्यूटर विकसित करना।

भारत के भीतर 2000 किलोमीटर तक सुरक्षित क्वांटम संचार (उपग्रह और फाइबर-आधारित दोनों), अन्य देशों के साथ लंबी दूरी का सुरक्षित क्वांटम संचार विकसित करना।

क्वांटम मेमोरी और सिंक्रोनाइज्ड क्वांटम रिपीटर्स के साथ एक मल्टी-नोड क्वांटम नेटवर्क विकसित करना।

नेविगेशन और टाइमिंग अनुप्रयोगों के लिए अल्ट्रा-सेंसिटिव मैग्नेटोमीटर, उच्च सटीकता की परमाणु घड़ियाँ और उच्च-रिज़ॉल्यूशन गुरुत्वाकर्षण माप प्राप्त करना।

क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार और सेंसिंग के लिए सुपरकंडक्टर, सेमीकंडक्टर और टोपोलॉजिकल मटीरियल जैसे अगली पीढ़ी के क्वांटम मटीरियल डिज़ाइन करना।

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प्रमुख लोगों का संदेश

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डॉ. अजय चौधरी

अध्‍यक्ष, मिशन गवर्निंग बोर्ड

भारत क्वांटम क्रांति के द्वार पर खड़ा है। राष्‍ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्‍यूएम) की शुरुआत हो चुकी है और हम साहस के साथ आगे बढ़ रहें है ताकि वैश्विक क्वांटम अनुसंधान, नवाचार व उत्‍पाद विकास में अपने देश को सबसे आगे स्‍थापित कर सकें।

क्वांटम प्रौद्योगिकी – जिसमें कंप्‍यूटिंग, संचार, सेंसिंग और पदार्थ शामिल है – ये हमारी समस्‍याओं को हल करने, सूचना को सुरक्षित करने और बुद्धिमान प्रणाली को विकसित करने के तरीके को बदलने जा रही हैं। मिशन का उद्देश्‍य विश्‍व-स्‍तरीय अवसंरचना के निर्माण करने पर केन्द्रित है। साथ ही, शोधकर्ताओं, स्‍टार्टअप और औद्योगिक नेतृत्‍वकर्ताओं को एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र देने का भी लक्ष्‍य रखती है।

इस परिवर्तन को गति प्रदान करने के लिए हमने प्रमुख संस्‍थानों में चार थीमैटिक हब्‍स (टी-हब्‍स) की स्‍थापना की है। इसका प्रत्‍येक हब स्‍पष्‍ट दायित्‍व, रणनीतिक समय-सीमा और उत्‍पाद–केन्द्रित अनुसंधान पर विशेष महत्‍व देकर स्‍थापित किया गया है। ये हब्‍स स्‍वदेशी क्षमताओं का निर्माण करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते है और अनुसंधान को वास्‍तविक-दुनिया के अनुप्रयोगों तक ले जाने में गति प्रदान करते है।

शैक्षणिक, औद्योगिक, स्‍टार्टअप और वैश्विक भागीदारों के बीच में सहयोग को बढ़ावा देना इस मिशन का मुख्‍य स्‍तंभ है। हम नवाचार को अनुदान दे रहें है और बौद्धिक संपदा के सह-विकास को सहयोग कर रहें है। हम आत्‍म-निर्भर और वैश्विक प्रतिस्‍पर्धी क्वांटम पारिस्थिति‍की के लिए एक नींव तैयार कर रहें है।

हमने भारत की यात्रा को उस समय से देखा है जब देश हार्डवेयर की कमी से जूझ रहा था और अब वह डिजिटल शक्ति बन चुका है। हमें विश्‍वास है कि अब समय आ गया है कि हमारा देश उत्‍पाद-आधारित देश के रूप में विकास करें और दुनिया के लिए भारत में बने क्वांटम प्रौद्योगिकी के समाधानों का निर्माण करें।

चलिए, मिलकर एक ऐसे क्वांटम भविष्‍य का निर्माण करते है जिसकी कल्‍पना न केवल भारत में की गई हो बल्कि उस कल्‍पना को भारत द्वारा साकार भी किया गया हो।

Prof. Ajay K Sood

प्रो. अजय कुमार सूद

अध्यक्ष एमटीआरसी

क्वांटम प्रौद्योगिकी से यह उम्‍मीद की जा रही है कि यह वैश्विक प्रौद्योगिक परिदृश्‍य में बहुत ही व्‍यापक स्‍तर पर गहरा और विघटनकारी प्रभाव डाल सकती है। इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर होना, हमारी रणनीतिक स्वायत्तता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के केंद्रित लक्ष्‍याें, इसके अंतर्राष्‍ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी निवेश, शोधकर्ताओं, स्टार्टअप और उद्योग जगत में सहयोग को बढ़ावा देकर उत्कृष्टता प्राप्त करने की तीव्र इच्छा, तथा अत्यंत तेज एवं उत्तरदायी मिशन प्रबंधन के साथ, भारत क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और भी अधिक प्रगति करने के लिए तैयार है।

Prof. Abhay Karandikar

प्रोफेसर अभय करंदीकर

सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी)
प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत के नेतृत्व की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा क्रियान्वित पहल है, जो भारत को क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र में अग्रणी स्थान पर स्थापित करने के लिए तैयार है।

₹6003.65 करोड़ के बजट के साथ, एनक्यूएम भारत की सबसे महत्वाकांक्षी क्वांटम पहल है। जोकि अत्याधुनिक शोध, औद्योगिक सहयोग और वैश्विक भागीदारी को बढ़ावा देती है। मिशन के तहत स्थापित चार थीमैटिक हब (टी-हब) चार अलग-अलग प्रौद्योगिकी श्रेणियों अर्थात कंप्यूटिंग, संचार, सेंसिंग और मेट्रोलॉजी व उपकरण और पदार्थ का प्रतिनिधित्‍व करते हैं। ये हब्‍स स्वदेशी क्वांटम प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि हम न केवल इसे अपनाएं बल्कि इस क्षेत्र में नवाचार, व्यावसायीकरण और वर्चस्व स्थापित करें।

यह वैश्विक आकांक्षाओं वाला एक राष्ट्रीय मिशन है। हम क्वांटम सफलताओं को प्राप्त करने के लिए शिक्षाविदों, उद्योग, स्टार्टअप और सरकारी एजेंसियों को संगठित कर रहे हैं जो भारत की तकनीकी संप्रभुता को सुरक्षित करेंगे। क्वांटम कंप्यूटिंग कंप्यूटिंग और ऑप्टिमाइजेशन को फिर से परिभाषित करेगी; क्वांटम संचार साइबर सुरक्षा के लिए नए मानक स्थापित करेगा; क्वांटम सेंसिंग और पदार्थ अगली पीढ़ी के नवाचारों को शक्ति प्रदान करेगी। इससे हर एक क्षेत्र – रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, वित्त, अंतरिक्ष – लाभान्वित होगा, और हम इस उद्देश्‍य को वास्तविक बनाने के लिए दृढ़ संकल्‍पी हैं।.

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