डॉ. अजय चौधरी
अध्यक्ष, मिशन गवर्निंग बोर्ड
भारत क्वांटम क्रांति के द्वार पर खड़ा है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) की शुरुआत हो चुकी है और हम साहस के साथ आगे बढ़ रहें है ताकि वैश्विक क्वांटम अनुसंधान, नवाचार व उत्पाद विकास में अपने देश को सबसे आगे स्थापित कर सकें।
क्वांटम प्रौद्योगिकी – जिसमें कंप्यूटिंग, संचार, सेंसिंग और पदार्थ शामिल है – ये हमारी समस्याओं को हल करने, सूचना को सुरक्षित करने और बुद्धिमान प्रणाली को विकसित करने के तरीके को बदलने जा रही हैं। मिशन का उद्देश्य विश्व-स्तरीय अवसंरचना के निर्माण करने पर केन्द्रित है। साथ ही, शोधकर्ताओं, स्टार्टअप और औद्योगिक नेतृत्वकर्ताओं को एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र देने का भी लक्ष्य रखती है।
इस परिवर्तन को गति प्रदान करने के लिए हमने प्रमुख संस्थानों में चार थीमैटिक हब्स (टी-हब्स) की स्थापना की है। इसका प्रत्येक हब स्पष्ट दायित्व, रणनीतिक समय-सीमा और उत्पाद–केन्द्रित अनुसंधान पर विशेष महत्व देकर स्थापित किया गया है। ये हब्स स्वदेशी क्षमताओं का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और अनुसंधान को वास्तविक-दुनिया के अनुप्रयोगों तक ले जाने में गति प्रदान करते है।
शैक्षणिक, औद्योगिक, स्टार्टअप और वैश्विक भागीदारों के बीच में सहयोग को बढ़ावा देना इस मिशन का मुख्य स्तंभ है। हम नवाचार को अनुदान दे रहें है और बौद्धिक संपदा के सह-विकास को सहयोग कर रहें है। हम आत्म-निर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्वांटम पारिस्थितिकी के लिए एक नींव तैयार कर रहें है।
हमने भारत की यात्रा को उस समय से देखा है जब देश हार्डवेयर की कमी से जूझ रहा था और अब वह डिजिटल शक्ति बन चुका है। हमें विश्वास है कि अब समय आ गया है कि हमारा देश उत्पाद-आधारित देश के रूप में विकास करें और दुनिया के लिए भारत में बने क्वांटम प्रौद्योगिकी के समाधानों का निर्माण करें।
चलिए, मिलकर एक ऐसे क्वांटम भविष्य का निर्माण करते है जिसकी कल्पना न केवल भारत में की गई हो बल्कि उस कल्पना को भारत द्वारा साकार भी किया गया हो।