भारत के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जब देश के प्रतिष्ठित संस्थानों को थीमैटिक हब्स (T-Hubs) की स्थापना के लिए चुना गया। यह घोषणा आज नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की वर्चुअल उपस्थिति में की गई।
ये हब क्वांटम अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समर्पित होंगे, जिससे भारत को वैश्विक क्वांटम तकनीक क्रांति में अग्रणी स्थान प्राप्त होगा और देश की वैज्ञानिक क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका और सुदृढ़ होगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने घोषणा करते हुए कहा, “ये हब अनुसंधान और नवाचार के केंद्र बनेंगे, जो क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार, सेंसिंग और सामग्री के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व की नींव रखेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि इन T-Hubs की प्रमुख विशेषता इनका बहुविषयी दृष्टिकोण है, जो भौतिकी, कंप्यूटर विज्ञान, इंजीनियरिंग और सामग्री विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर क्वांटम तकनीक में समग्र प्रगति सुनिश्चित करता है।
चार T-Hubs निम्नलिखित संस्थानों में स्थापित किए गए हैं:
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स, नई दिल्ली के साथ)
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली इन हब्स में 14 तकनीकी समूह (Technical Groups) शामिल हैं और इन्हें एक अत्यंत प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया है।
जनवरी 2024 में मिशन द्वारा Call for Proposals (CFP) जारी किया गया था, जिसमें देश भर के प्रमुख शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों को आमंत्रित किया गया था। इस पर 384 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 17 श्रेष्ठ प्रस्तावों का चयन किया गया। इस प्रयास में 43 संस्थानों के 152 शोधकर्ताओं ने योगदान दिया, जो भारत की इस क्षेत्र में नेतृत्व की आकांक्षा को दर्शाता है।
ये T-Hubs क्वांटम तकनीक के विकास, मानव संसाधन निर्माण, उद्यमिता, औद्योगिक सहयोग तथा अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को सशक्त बनाएंगे।
प्रत्येक T-Hub “हब-स्पोक-स्पाइक मॉडल” के तहत कार्य करेगा, जिसमें अनुसंधान परियोजनाओं (स्पोक्स) और व्यक्तिगत शोध समूहों (स्पाइक्स) का एक क्लस्टर नेटवर्क होगा, जिससे संसाधनों और विशेषज्ञता का प्रभावी समन्वय संभव होगा।
प्रो. ए. के. सूद, भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार ने भारत की क्वांटम प्रौद्योगिकी की यात्रा को रेखांकित करते हुए कहा कि मौलिक शोध और उसके व्यावसायिक अनुप्रयोग दोनों ही समान रूप से आवश्यक हैं। उन्होंने समावेशी और सहयोगात्मक कार्य संस्कृति को प्रोत्साहित किया।
DST के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा, “मिशन शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग, स्टार्टअप और सरकारी निकायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है ताकि क्वांटम तकनीकों के चार प्रमुख क्षेत्रों में अनुसंधान को पोषित और विस्तारित किया जा सके।”
NQM का उद्देश्य अनुसंधान संस्थानों और स्टार्टअप्स को आवश्यक फंडिंग, आधारभूत ढांचा और अनुकूल वातावरण प्रदान करना है। इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं, विशेष रूप से स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने हेतु। मिशन के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण साझेदारियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
T-Hubs के विकास और संचालन को मिशन की पूरी अवधि के दौरान सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे भारत क्वांटम प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर होगा।
संस्थान और उनके संबंधित थीमैटिक हब्स:
क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए थीमैटिक हब:
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु
सहभागी संस्थान:
IIT दिल्ली, IIT कानपुर, IIT रुड़की, IIT बॉम्बे, IIT मद्रास, IIT रोपड़, IIT गुवाहाटी, IIT पटना, BITS हैदराबाद, IMSc चेन्नई, JIIT नोएडा, SETS चेन्नई, CDAC बेंगलुरु, IIT इंदौर, IISER तिरुवनंतपुरम, IISER पुणे, RRI बेंगलुरु, NISER भुवनेश्वर, TIFR मुंबई, TIFR हैदराबाद, JNCASR बेंगलुरु
क्वांटम संचार के लिए थीमैटिक हब:
IIT मद्रास
सहभागी संस्थान:
ISRO अहमदाबाद, ISRO सैटेलाइट सेंटर, IIT दिल्ली, IIT कानपुर, IIT खड़गपुर, IIT भिलाई, IIT रुड़की, IIT जम्मू, IIT तिरुपति, IIT पटना, IIT इंदौर, IIT हैदराबाद, IISc बेंगलुरु, IISER भोपाल, IISER मोहाली, RRI बेंगलुरु, HRI प्रयागराज, IIST-DOS तिरुवनंतपुरम, CDAC बेंगलुरु, C-DAC तिरुवनंतपुरम, SETS चेन्नई
क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी के लिए थीमैटिक हब:
IIT बॉम्बे
सहभागी संस्थान:
IISc बेंगलुरु, IIT मद्रास, IIT दिल्ली, IIT कानपुर, IIT गांधीनगर, IISER भोपाल, IIT रोपड़, TCG CREST चेन्नई, TIFR मुंबई, TIFR हैदराबाद, HRI प्रयागराज, IACS कोलकाता, BITS गोवा, हैदराबाद विश्वविद्यालय, SN बोस NCBS
क्वांटम सामग्री और उपकरणों के लिए थीमैटिक हब:
IIT दिल्ली
सहभागी संस्थान:
IIT बॉम्बे, IIT मद्रास, IIT कानपुर, IIT रुड़की, IIT खड़गपुर, IIT भुवनेश्वर, SSPL-DRDO दिल्ली, IACS कोलकाता, IISER पुणे
