Quantum Future

थीमैटिक हब (टी-हब) और प्रौद्योगकी समूहों (टीजी) को स्‍थापित करना और राष्‍ट्रीय क्‍वांटम मिशन के प्रतीक चिन्‍ह का अनावरण

07-03-2025

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Establishment of Thematic Hubs

भारत के राष्‍ट्रीय क्‍वांटम मिशन (एनक्‍यूएम) के लिए एक महत्‍वपूर्ण कदम के रूप में, थीमैटिक हब (टी-हब) को स्‍थापित करने  के लिए चुने गए प्रमुख संस्‍थानों की घोषणा डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), पृथ्‍वी विज्ञान राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्‍य मंत्री की वर्चूअल उपस्थिति में नई दिल्‍ली में की गई।

ये थीमैटिक हब क्‍वांटम अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने के लिए स‍मर्पित है, जोकि वैश्विक क्‍वांटम प्रौद्योगिकी क्रांति में भारत के स्‍थान को अग्रणी बनाने में मदद करेंगे और सबसे उन्‍नत वैज्ञानिक मोर्चों में देश के नेतृत्‍व काे मजबूत करेंगे।

टी-हब की घोषणा करते समय डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ” ये हब अनुसंधान और नवाचार के अग्रणी रहेंगे और भारत के क्‍वांटम कंप्‍यूटिंग, संचार, सेंसिंग और सामग्री में नेतृत्‍व के लिए मंच को तैयार करेंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि इन टी-हबों की मुख्‍य ताकतों में से एक उनका बहु-विषयक दृष्टिकोण है। क्‍वांटम प्रौद्योगिकी में समग्र प्र‍गति को आगे बढ़ाने के लिए भौतिकी, संगणक विज्ञान, अभियांत्रिकी और पदार्थ विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाना है।

संस्‍थानों में चार टी-हबों को स्‍थापित किया गया है – भारतीय विज्ञान संस्‍थान (IISc) बेंगलुरु, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईआईटी) मद्रास, साथ ही टेलीमेटिक्‍स विकास केंद्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईआईटी) दिल्‍ली, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईआईटी) बॉम्‍बे और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईआईटी) दिल्‍ली व 14 तकनीकी समूह इसमें शामिल हैं। इनका चुनाव अत्‍यधिक प्रतिस्‍पर्धी प्रक्रिया के माध्‍यम से किया गया है और ये प्रमुख क्‍वांटम क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्‍त करेंगे जिससे क्रमश: क्‍वांटम कंप्‍यूटिंग, क्‍वांटम संचार, क्‍वांटम सेंसिंग एवं मेट्रोलॉजी, क्‍वांटम सामग्री एवं उपकरणों का व्‍यापक और मजबूत विकास होगा।

राष्‍ट्रीय क्‍वांटम मिशन ने जनवरी 2024 में प्रस्‍ताव आमंत्रित (कॉल फॉर प्रपोज़ल-सीएफपी) करने का लोकार्पण किया जिसमें अग्रणी अकादमिक संस्‍थानों और अनुसंधान व विकास केंद्रों  को चार महत्‍वपूर्ण क्‍वांटम क्षेत्रों के लिए परियोजनाओं को प्रस्‍तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया। इसकी प्रतिक्रिया बहुत ही जबर्दस्‍त आई, पूरे भारत से 384 प्रस्तावों को प्रस्‍तुत किया गया। कठोर मूल्‍यांकन प्रक्रिया के बाद 17 प्रस्‍तावों को चुना गया जो क्‍वांटम अनुसंधान में सर्वोच्‍च क्षमता का प्रतिनिधित्‍व करते है। भारत के 43 संस्‍थानों में से 152 अनुसंधानकर्ताओं ने इन असाधारण राष्‍ट्रीय प्रयास में योगदान दिया जो इस उभरते क्षेत्र में अग्रणी हाेने की देश की सामूहिक इच्‍छा को उजागर करता है।

ये टी-‍हब क्‍वांटम प्रौद्योगिकी के विकास, मानव संसाधन क्षमता का निर्माण करने, उद्यमिता और उद्योग सहयोग में महत्‍वपूर्ण प्रगति में बढ़ावा देंगे, साथ ही अंतर्राष्‍ट्रीय सहभागिता को मजबूत बनाने का कार्य भी करेंगे।

प्रत्‍येक टी-हब, हब-स्‍पोक-स्‍पाइक मॉडल के तहत काम करेगा, जो इन केंद्रीय हब के साथ-साथ क्‍लस्‍टर-आधारित नेटवर्क के अनुसंधान परियोजनाओं (स्‍पोक) और व्‍यक्तिगत अनुसंधान समूहों (स्‍पाइक) को समर्थन देगा। जिससे अनुसंधान संस्‍थानों के बीच के समन्‍वय को बढ़ाया जा सके और उन्‍हें संसाधनों व विशेषज्ञता को एकत्रित करने में सक्षम बनाया जा सकें।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो.ए.के.सूद ने राष्‍ट्रीय क्‍वांटम मिशन (एनक्‍यूएम) के तहत क्‍वांटम प्रौद्योगिकियों में भारत की विकसित होती यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने क्‍वांटम विज्ञान में मौलिक शोध के महत्‍व पर जोर दिया और साथ ही इन खोजों को व्‍यावहारिक उत्‍पादों में बदलने की आवश्‍यकता पर भी जोर दिया। प्रो.सूद ने इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से समावेशी रूप से काम करने और प्रभावी ढंग से सहयोग करने का भी आग्रह किया।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो.अभय करंदीकर ने कहा,”यह मिशन अकादमिक संस्‍थानों, उद्योगों, स्‍टार्टअप और सरकारी संस्‍थाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है ताकि इन चार क्षेत्रों में क्‍वांटम प्रौद्योगिकी में शोध को बढ़ावा दिया जा सकें, उनका पोषण किया जा सकें और उसे आगे बढ़ाया जा सकें।’’

एनक्‍यूएम का उद्देश्‍य संस्‍थानाें और स्‍टार्टअप को आवश्‍यक वित्‍तपोषण, बुनियादी ढांचा और सहयोग व विकास का एक अनुकूलित वातावरण प्रदान कर उन्‍हें सशक्‍त बनाना है। क्‍वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास को और अधिक समर्थन देने के लिए एनक्‍यूएम ने एक विस्‍तृत दिशा-निर्देश तैयार किया है, जिसका उद्देश्‍य इस उभरते क्षेत्र को बढ़ावा देना है। यह मिशन महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय साझेदारी को भी सहज बनाएगा जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भारत तकनीकी प्रगति में अग्रणी रहें और साथ ही अपने शोधकर्ताओं की क्षमता का निर्माण भी करे।

यह मिशन अपनी पूरी अवधि के दौरान टी-हबों की निरंतर वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करेगा, जिससे क्‍वांटम प्रौद्योगिकियों में भारत का नेतृत्‍व के लिए मंच तैयार होगा। यह दृष्टिकोण पूरे देश में अनुसंधान की पहल और सहयोगों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार करेगा, जिससे क्‍वांटम प्रौद्योगिकी विकास में व्‍यापक वृद्धि सुनिश्चित होगी।

टी-हब में शामिल संस्‍थान :

क्‍वांटम कंप्‍यूटिंग के लिए थीमैटिक हब : भारतीय विज्ञान संस्‍थान, बेंगलुरु

शामिल संस्‍थान : भा.प्रौ.सं. दिल्‍ली, भा.प्रौ.सं.कानपुर, भा.प्रौ.सं.रुड़की, भा.प्रौ.सं.बॉम्‍बे, भा.प्रौ.सं.मद्रास, भा.प्रौ.सं.रोपड़, भा.प्रौ.सं.गुवाहाटी, भा.प्रौ.सं.पटना, बिरला इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी साइंस (BITS) हैदराबाद, गणितीय विज्ञान संस्‍थान (IMSc) चेन्‍नई, जेपी इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (JIIT) नोएडा, सोसाइटी ऑफ इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रांजेक्‍शन एंड सिक्‍याेरिटी (SETS) चेन्‍नई, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्‍यूटिंग (CDAC) बेंगलुरु, भा.प्रौ.सं. इंदौर, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान (IISER) तिरुवनंतपुरम, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान (IISER)पुणे, रमन अनुसंधान संस्‍थान (RRI) बेंगलुरु, राष्‍ट्रीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान (NISER) भुवनेश्‍वर, टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंडल रिसर्च (TIFR) मुंबई, टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंडल रिसर्च (TIFR) हैदराबाद और जवाहरलाल नेहरू उन्‍नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (JNCASR) बेंगलुरु

क्‍वांटम संचार के लिए थीमैटिक हब: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, मद्रास

शामिल संस्‍थान : इसरो अहमदाबाद, इसरो सेटेलाइट सेंटर, भा.प्रौ.सं. दिल्‍ली, भा.प्रौ.सं.कानपुर, भा.प्रौ.सं.खड़गपुर, भा.प्रौ.सं. भिलाई, भा.प्रौ.सं. रुड़की, भा.प्रौ.सं.जम्‍मू, भा.प्रौ.सं. तिरुपति, भा.प्रौ.सं.पटना, भा.प्रौ.सं.इंदौर, भा.प्रौ.सं. हैदराबाद, भारतीय विज्ञान संस्‍थान (IISc) बेंगलुरु,  भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान (IISER) भोपाल,  भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान (IISER)मोहाली, रमन अनुसंधान संस्‍थान (RRI) बेंगलुरु, हरिश्‍चंद्र शोध संस्‍थान  (HRI) प्रयागराज, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्‍थान डीओएस (IIST DOS) तिरुवनंतपुरम, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्‍यूटिंग (CDAC) बेंगलुरु, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्‍यूटिंग (CDAC) तिरुवनंतपुरम और सोसाइटी ऑफ इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रांजेक्‍शन एंड सिक्‍याेरिटी (SETS) चेन्‍नई

क्‍वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी के लिए थीमैटिक हब : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, बॉम्‍बे

शामिल संस्‍थान:  भारतीय विज्ञान संस्‍थान (IISc) बेंगलुरु, भा.प्रौ.सं. मद्रास, भा.प्रौ.सं.दिल्‍ली, भा.प्रौ.सं.कानपुर, भा.प्रौ.सं.गांधीनगर,  भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान (IISER) भोपाल, भा.प्रौ.सं. रोपड़, दि चैटर्जी ग्रुप क्रेस्‍ट (TCG CREST) चेन्‍नई,टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंडल रिसर्च (TIFR) बॉम्‍बे, टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंडल रिसर्च (TIFR) हैदराबाद, हरिश्‍चंद्र शोध संस्‍थान  (HRI) प्रयागराज, इंडियन एसोसिएशन फॉर दि कल्टिवेशन ऑफ साइंस (IACS) कोलकाता, बिरला इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी साइंस (BITS) गोवा, हैदराबाद विश्‍वविद्यालय और एसएन बोस राष्‍ट्रीय मूल विज्ञान केंद्र (SN Bose NCBS) 

सामग्री और उपकरण क्‍वांटम के लिए थीमैटिक हब: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, दिल्‍ली 

शामिल संस्‍थान : .भा.प्रौ.सं. बॉम्‍बे, भा.प्रौ.सं.मद्रास, भा.प्रौ.सं.कानपुर, भा.प्रौ.सं.रुड़की, भा.प्रौ.सं.खड़गपुर, भा.प्रौ.सं.भुवनेश्‍वर, सॉलिड स्‍टेट फिजिक्‍स लेबोरेटरी (SSPL) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) दिल्‍ली, इंडियन एसोसिएशन फॉर दि कल्टिवेशन ऑफ साइंस (IACS) कोलकाता और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्‍थान (IISER) पुणे

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