विषयगत केंद्रों हबों की स्थापना की घोषणा का समारोह
30-09-2024
भारत के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के लिए ऐतिहासिक कदम के रूप में थीमैटिक हब (टी-हब) स्थापित करने के लिए संस्थानों का चयन हो गया है। यह घोषणा 30 सितंबर, 2024 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री डाॅ जितेंद्र सिंह द्वारा की गई।
इस आयोजन में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, ”इन टी-हबाें का लक्ष्य क्वांटम प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और नवाचार को गति देना है, ताकि इस परिवर्तनशील क्षेत्र में भारत की स्थिति वैश्विक नेता के रूप में हो सकें। उन्होंने क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार, सेंसिंग और सामग्री को उन्नत करने में टी-हबों के महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने टी-हबों के बहु-विषयक प्रकृति पर जोर दिया जो भौतिकी, कंप्यूटर विज्ञान, अभियांत्रिकी और भौतिक विज्ञान के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर उन्नति को बढ़ावा देती है। ये टी-हब्स प्रौद्योगिकी विकास, मानव संसाधन क्षमता निर्माण, उद्यमशीलता, उद्याेग सहभागिता और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत बनाने में प्रगति को बढ़ावा देगी। प्रत्येक टी-हब हब-स्पोक-स्पाइक नमूने के तहत कार्य करेगा, जो अनुसंधान परियोजनाओं (स्पोक) और व्यक्तिगत अनुसंधान समूह (स्पाइक) के नेटवर्क का समर्थन करेगा। यह ढांचा संस्थानों के बीच समन्वय को बढ़ाता है, संसाधनों और विशेषज्ञता को एकत्रित करने में सक्षम बनाता है और यह सुनिश्चित करता है कि अनुसंधान दूरसंचार, रक्षा, वित्त और स्वास्थ्य सेवा में ठोस प्रगति में तब्दील हो।.
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के मिशन गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय के. सूद, डीएसटी के सचिव प्रो. अभय करंदीकर, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत, दूरसंचार विभाग के सचिव डॉ. नीरज मित्तल उपस्थित थे।
टी-हब देश के प्रमुख संस्थानों में रणनीतिक रूप से स्थित हैं:
- क्वांटम कंप्यूटिंग: भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु
- क्वांटम संचार: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास, सीओओटी (COOT), नई दिल्ली के सहयोग से
- क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे
- क्वांटम सामग्री और उपकरण: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली
इन टी-हबों में 14 तकनीकी समूह शामिल हैं, जिनमें 17 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 17 परियोजना दल हैं। इन हबों में देश भर के 43 संस्थानों के कुल 152 शोधकर्ता शामिल हैं।
यह क्वांटम प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बनने की भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी राष्ट्रीय पहलों के साथ संरेखित है।